दैनिक मन्ना

मुझे इसलिये न घूर कि मैं साँवली हूं, क्योंकि मैं धूप से झुलस गई। मेरी माता के पुत्रा मुझ से अप्रसन्न थे, उन्हों ने मुझ को दाख की बारियों की रखवालिन बनाया; परन्तु मैं ने अपनी निज दाख की बारी की रखवाली नहीं की!

श्रेष्‍ठगीत 1:6