दैनिक मन्ना

हे मेरी बहिन, हे मेरी दुल्हिन, तेरा प्रेम क्या ही मनोहर है! तेरा प्रेम दाखमधु से क्या ही उत्तम है, और तेरे इत्रों का सुगन्ध इस प्रकार के मसालों के सुगन्ध से!

श्रेष्‍ठगीत 4:10